Vidyarthi Ka Kartavya Essay in Hindi | विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध :
इतर जानकारी :
नमस्कार दोस्तों, आज Smart School Infolips पे हम पढ़ेंगे हिंदी निबंध, “विद्यार्थी का कर्तव्य” (Vidyarthi Ka Kartavya – Essay In Hindi)| (Vidyarthi Ka Kartavya Hindi Nibandh)
इसी विषय पर अलग-अलग शब्दों का प्रयोग करके, निबंध लिखने दिया जाता है | जैसे की :
विद्यार्थी जीवन के नियम, (Vidyarthi Jivan ke Niyam)
विद्यालय के प्रति विद्यार्थी का कर्तव्य, (Vidyalaya ke prati Vidyarthi Ka Kartavya)
आदर्श विद्यार्थी के 10 गुण (Adarsh Vidyarthi )
विद्यार्थी के दायित्व (Vidyarthi Ke Dayitwa)
Vidyarthi jivan ke kartavya (विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य पर निबंध)
Table of Contents
विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (२००+ शब्दमें) :
विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे|
एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है |
अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा |
जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा |
(Vidyarthi Ka Kartavya)
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विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (३००+ शब्दमें) :
विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे|
एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है |
अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा |
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आज केवल धन कमाने केलिए पढ़ना है, यही एक मात्र उद्देश्य बन गया है | सिर्फ धन कामनेसे हम सफल नहीं हो सकते, हाँ! धनवान बन सकते है | विद्यार्थी को जीवन में यह सिख जरूर सीखनी है, और सीखानी है | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा |
(Vidyarthi Ka Kartavya)
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विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (४००+ शब्दमें) :
विद्यार्थी अपने जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। पढ़ाई के साथ साथ समाज में जीने के तरीके भी सीखता है| शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है| अपने जीवन में उपयोगी पड़नेवाली सिख वह, विद्यार्थी कालमेंही सिखाता है | विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे|
जब कोई विद्यार्थी किसी परीक्षा में पुरे राज्य में अव्वल आता है, तो जिस विद्यालय में वह पढता है उस विद्यालय का नाम रोशन हो जाता है | उस बच्चे के माता पिता गर्व महसूस करते है| उनकी ख़ुशिका अन्दाजा सिर्फ उनकी चेहरेपर आयी हसी दिखाती है|
एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। क्यूंकि पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है | इनसे हमें प्रेरणा, एक उद्देश्य मिलता है, इसीसे हमारा जीवन सुंदर बना सकता है ।
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अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है| हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए | जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा |
आज केवल धन कमाने केलिए पढ़ना है, यही एक मात्र उद्देश्य बन गया है | सिर्फ धन कामनेसे हम सफल नहीं हो सकते, हाँ! धनवान बन सकते है | विद्यार्थी को जीवन में यह सिख जरूर सीखनी है, और सीखानी है | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा |
(Vidyarthi Ka Kartavya)
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विद्यार्थी का कर्तव्य पर निबंध (६००+ शब्दमें) :
विद्यार्थी जीवन में बहुत कुछ सिखते रहता है। पढ़ाई के साथ साथ समाज में जीने के तरीके भी सीखता है । शिक्षा प्राप्त करके अपने भविष्य को सुधारने हेतू ज्ञान, नीतियां, नैतिकता सीखता है । विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने भविष्य की कल्पना करता है उसे क्या बनना है, क्या मुकाम हासील करना है, उसके रास्ते सिखाता है। अपने जीवन में उपयोगी पड़नेवाली सिख वह, विद्यार्थी कालमेंही सिखाता है | विद्यार्थियों का यह कर्तव्य होता है की वह, अपने माता-पिता का और अपने देश के प्रति आदर रखे, उनका सम्मान करे| बडोंसे आदर, और छोटोसे प्यार का भाव रखे | हमेश खुद के साथ-साथ अपने देश का नाम रोशन करने छाए रहनी चाहिए।
जब कोई विद्यार्थी किसी परीक्षा में पुरे राज्य में अव्वल आता है, तो जिस विद्यालय में वह पढता है उस विद्यालय का नाम रोशन हो जाता है | उस बच्चे के माता पिता गर्व महसूस करते है, आसपास, अड़ोस-पड़ोस मिठाई बाटतें है| उनकी ख़ुशिका अन्दाजा सिर्फ उनकी चेहरेपर आयी हसी दिखाती है | यह पल हमारे माता-पिता हमारे गुरुजन को देनेका हक़ सिर्फ विद्यार्थी को है, आपही हो जो उनकी यह इच्छा पूरी कर सकते हो | विद्यार्थी को हमेशा अपने माता पिता गुरु की बात माननी चाहिए | उनसे हमेशा यह सीख लेनी चाहिए, जिससे उनका जीवन निरंतर प्रगति की राहपर चले |
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एक विद्यार्थी की सोंच यह होनी चाहिए की हम अपने जीवन को और बेहतर से बेहतर बना सके| केवल खुदही नहीं, बल्कि अपने साथ-साथ अपने प्रियजन, सगे-सम्बन्धी, अपने मित्र परिवार की सुधार में योगदान देना चाहिए। यह सिख विद्यार्थी को संस्कारोंसे मिलती है, जो उन्हें अपने माता-पिता और गुरु देते है | क्यूंकि सिर्फ पढाई, हमें लिखित परीक्षामे उत्तीर्ण करराती है | परन्तु जीवन की परीक्षामे सफल होना है, तो हमें अपने गुरुओं से और अपने माता पिता से मिली सिख, उनके संस्कार उपयोगी होते है | इनसे हमें प्रेरणा, मार्ग, एक उद्देश्य मिलता है, इसीसे हमारा जीवन सुंदर बना सकता है ।
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विद्यार्थी का पूर्ण विकास तभी संभव है, जब वह अच्छी शिक्षा प्राप्त करके सही रास्तेसे आगे बढ़े । अच्छा विद्यार्थी ना तो किसी से झगड़ाता है, और ना ही खुद पर घमंड करता है । वह मेहनत पर विश्वास रखता है, नियमित अध्ययन करता है | उसका स्वभाव कोमल रहता है, माता पिता और गुरु का आदर करता हैं| अपने लक्षके प्रति केंद्रित रहता हैं| पूरी निष्ठा, मेहनत, और लगनसे लक्ष्य को हासिल करता है |
हर विद्यार्थी को अपना विद्यालय स्वच्छ रखना चाहिए और लोगों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए । जब विद्यार्थी राष्ट्र के प्रति जागरूक होगा तो वह राष्ट्र अधिक विक्सित होगा, उन्नत होगा | शालेय जीवनमें यदि विद्यार्थी शिक्षा के साथ अच्छे गुणोंको अपनाता है, तो उनसे भारत का भविष्य अद्वितीय होगा, अनमोल होगा | पुरे विश्वकेलिए मिसाल होगा |
आजकल केवल धन कमाने केलिए पढ़ना है, सीखना है, यही एक मात्र उद्देश्य बन गया है | सिर्फ धन कामनेसे हम सफल नहीं हो सकते, हाँ! केवल धनवान बन सकते है | जब तक मनुष्य जीवन में अच्छे संस्कार और अच्छे विचारोंका पालन नहीं करेगा, तब तक हमारे जन्म का उद्देश्य सफल नहीं होगा | धन की लालसा हमेसे ख़ुदके लिए काम कराती है, और मन की ख़ुशी हमेंसे दूसरों की भलाई के लिए काम कराती है। इसीलिए धन की लालसा नहीं, औरोंकी खुशीओंकी लालसा राखो|
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विद्यार्थी को जीवन में यह सिख जरूर सीखनी है, और सीखानी है | जितना हो सके उतना ज्ञान अर्जित करने की जिज्ञासा होनी चाहिए | साथ में सच्चाई, नैतिकता, मेहनत की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए | देश के प्रति आस्था, माता-पिता के प्रति सम्मान, गुरु और अन्योंके प्रति के प्रति आदर, और मेहनत के प्रति निष्ठा वही आदर्श विद्यार्थी और उत्तम व्यक्ति कहलेगा |
(Vidyarthi Ka Kartavya)
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➥ Types of Figure of speech
So supper essay .
it’s amazing.
We are happy to this essay 😊
Thanks a lot, your comments like this are encouraging us. So nice of you!