Vidnyan Pradarshani me ek ghanta
निबंध/ Essay/Nibandh

विज्ञान प्रदर्शनी में एक घंटा – हिंदी निबंध

विज्ञान प्रदर्शनी में एक घंटा इस पर निबंध​: (Vignyan Pradarshani me ek ghanta, Hindi Nibandh):

इस लेख में हम, विज्ञान प्रदर्शनी पर निबंध, प्रदर्शनी में दो घंटे पर निबंध, विज्ञान प्रदर्शनी का महत्व, विज्ञान प्रदर्शनी पर विज्ञापन, विज्ञान प्रदर्शन चित्र, किसी प्रदर्शनी का वर्णन, इन सारी बातों पर निबंध लिखना सिख सकते है | (Vidnyan Pradarshani me ek ghanta).

विज्ञान प्रदर्शनी में एक घंटा (१००+ शब्द):

मै और मेरा दोस्त, एक दिन विद्या प्रसारक विद्यालयमे आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में गए थे | प्रदर्शनी का आयोजन बेहद विशाल और विशेष किया गया था | नाम मात्रा प्रवेश शुल्क रखा था, हमने टिकट लेकर प्रदर्शनी में प्रवेश किया |


इस प्रदर्शनी में अलग-अलग पाठशाल के अलग-अलग विभाग लगाए थे | प्रत्येक विभाग, अलग-अलग प्रदेश की किसी-न-किसी विशेषता को सूचित करता था। कुछ विभाग को प्रसिद्ध मूर्तियोंसे सजाया था | सभी विभाग बदलते भारत और प्रगति का परिचय दे रहे थे। भारत में बनी इन मशीनों, खेती के औजारों, रेलवे इंजनों तथा विमान के प्रतिरूप को देखकर मन बहोत प्रसन्न हो रहा था |


हम दोनोंने ने लगभग एक घंटे तक प्रदर्शनी का आनंद लिया। हम यहांसे भरपूर जानकारी लेकर, बहार निकले ।

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विज्ञान प्रदर्शनी में एक घंटा (२००+ शब्द):

मै और मेरा दोस्त, एकदिन विद्या प्रसारक विद्यालयमे आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में गए थे | प्रदर्शनी का आयोजन बेहद विशाल और विशेष किया गया था | नाम मात्रा प्रवेश शुल्क रखा था जिसे, जो लोग विज्ञान में रूचि रखते हो वही लोग प्रदर्शनी केलिए आए | हमने भी टिकट लेकर प्रदर्शनी में प्रवेश किया |


इस प्रदर्शनी में अलग-अलग पाठशाल के अलग-अलग विभाग लगाए थे | प्रत्येक विभाग, अलग-अलग प्रदेश की किसी-न-किसी विशेषता को सूचित करता था। कुछ विभाग में विविध नक्शों और चित्रों द्वारा, सजाया था, कुछ विभाग को प्रसिद्ध मूर्तियोंसे सजाया था| कहिपे भारतकी अंतरिक्ष प्रगति के चित्र झलक रहे थे | सभी विभाग बदलते भारत और प्रगति का परिचय दे रहे थे।
भारत में बनी इन मशीनों, खेती के औजारों, रेलवे इंजनों तथा विमान के प्रतिरूप को देखकर मन बहोत प्रसन्न हो रहा था | स्वदेशमें बने अस्त्र-शस्त्रों, ‘आकाश’, ‘पृथ्वी’, ‘अग्नि”, “ब्रम्होस” जैसे प्रक्षेपास्त्रों दिखाई दे रहे थे | किसी विभाग में उपग्रहों की प्रतिकृतियाँ, चंद्रयान, मंगलयान को देखनेमें लोग बड़ी उत्सुकता दिखा रहे थे।


इस प्रदर्शनी में लोगोंके मनोरंजन तथा खाने-पिने की व्यवस्था भी अच्छेसे की थी। हम दोनोंने ने लगभग एक घंटे तक प्रदर्शनी का आनंद लिया। हम यहांसे भरपूर जानकारी लेकर, बहार निकले ।

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विज्ञान प्रदर्शनी में एक घंटा (३००+ शब्द):

मै और मेरा दोस्त, एकदिन विद्या प्रसारक विद्यालयमे आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में गए थे | प्रदर्शनी का आयोजन बेहद विशाल और विशेष किया गया था | भव्य प्रवेशद्वार सजाया गया था, प्रवेशद्वार पे, भारतमे विकसित हवाई जहाज, सम्पूर्ण भारत निर्मित ब्रम्होस मिसाइल के चित्र लगाए थे | प्रदर्शनी केलिए, नाम मात्रा प्रवेश शुल्क रखा था जिसे, जो लोग विज्ञान में रूचि रखते हो वही लोग प्रदर्शनी केलिए आए | हमने भी टिकट लेकर प्रदर्शनी में प्रवेश किया |

इस प्रदर्शनी में अलग-अलग पाठशाल के अलग-अलग विभाग लगाए थे | प्रत्येक विभाग, अलग-अलग प्रदेश की किसी-न-किसी विशेषता को सूचित करता था। कुछ विभाग में विविध नक्शों और चित्रों द्वारा, सजाया था, कुछ विभाग को प्रसिद्ध मूर्तियोंसे सजाया था, तो कुछ विभाग विभिन्न हस्ता कला-कृतिसे सजाएँ थे | कहीपे सिंचाई योजनाएँ दिखाई थी, कहिपे मेट्रो रेल्वे, कहिपे हाय स्पीड ट्रैन दिखाई दे रहे थे | कुछ विभागमे दूध क्रांति की चित्र कहानी लगाई थी | कहिपे हरित क्रांति के प्रगतिकी गाथा सजाई थी, तो कहिपे भारतकी अंतरिक्ष प्रगति के चित्र झलक रहे थे | सभी विभाग बदलते भारत और प्रगति का परिचय दे रहे थे।

भारत में बनी इन मशीनों, खेती के औजारों, रेलवे इंजनों तथा विमान के प्रतिरूप को देखकर मन बहोत प्रसन्न हो रहा था | स्वदेशमें बने अस्त्र-शस्त्रों, ‘आकाश’, ‘पृथ्वी’, ‘अग्नि”, “ब्रम्होस” जैसे प्रक्षेपास्त्रों दिखाई दे रहे थे | किसी विभाग में उपग्रहों की प्रतिकृतियाँ, चंद्रयान, मंगलयान को देखनेमें लोग बड़ी उत्सुकता दिखा रहे थे। भारतमे बने बड़े युद्ध पोत, आधुनिक पनडुब्बियों के चित्र, भारत रक्षामे मजबूत होनेका प्रमाण दे रहे थे |

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इस प्रदर्शनी में लोगोंके मनोरंजन तथा खाने-पिने की व्यवस्था भी अच्छेसे की थी। विभिन्न राज्योंके अलग-अलग पकवान खाने केलिए रखे थे, इन स्थलों पर भी काफी भीड़ थी। हम दोनोंने ने लगभग एक घंटे तक प्रदर्शनी का आनंद लिया। हमें इनसे भरपूर जानकारी मिली| विज्ञानं प्रदर्श कैसे होते है, इनमे क्या दिखाया जाता है | इन प्रदर्शनियों से हमारे देश होनेवाली प्रगतिको किस तरह दर्शाया जाता है, यह सब हनमे देख लिया था | एक घंटेको मनोरंजन और जानकारी पाकर, हम वहाँसे बहार निकले ।

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