Jahan Chah, wahan rah
Hindi

Jaha Chah Wahan Raha Essay in Hindi | जहाँ चाह वहाँ राह

जहाँ चाह वहाँ राह पर हिंदी निबंध (Jaha Chaha Waha Raha Essay)

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए 1 जहाँ चाह वहाँ राह जहां चाह वहां राह in english, जहां चाह वहां राह एक निबंध, jahan chah wahan raah, जहाँ चाह वहाँ राह निबंध विधार्थियों केलिए||

Where There is a Will There is a Way Essay for Students and Children: Where there is a will there’s a way meaning in Hindi, Expand the proverb in about 12 to 15 lines where there is a will, there is a way
essay on where there is a will there’s a way in 150 words.

आपको इससे कल्पना लेनी हैं, और इसे आपके खुदके विचारोंसे निबंध लिखेने मदत लेनी है | निबंधों को याद रखने की जरूरत नहीं होती है| इसके विषय को समझें, इसकी संकल्पना को समझें। शेष अपनी मस्तिष्क की शक्ति और अपनी शब्दावली का उपयोग करके एक अच्छा निबंध लिखें। आपके अपने शब्दों में लिखा गया निबंध अधिक प्रभावशाली हो सकता है। चलो पढ़ते है |

जहाँ चाह वहाँ राह (१०० शब्द):

“जहाँ चाह है वहाँ राह” यह एक प्रेरणा देनेवाली, सकारात्मक कहावत है | इससे हमें हर परिस्थितियों का सामना करनेकी स्पूर्ति मिलती है | जो व्यक्ति परिश्रम से मुंह नहीं मोड़ता और कठिनाइयों का डटकर सामना करता है| उस व्यक्ति को रहा जरूर मिलती है |


जीवन का यही सत्य है की मनुष्य को अपने ही परिश्रमसे, अपने जीवन का रास्ता बनाना होता है | इसलिए हमें अपने इरदोंका मजबूत होना बहुत आवश्यक है | जब ह्रदय में कार्य करने की प्रबल चाह हो, और अपने लक्ष को हासिल करनेकी प्यास हो तो उसे उसकी मंजिल मिलही जाती है | चाहें जीतनी कठिनाईयाँ याये, उनसे लड़ते हुए लक्ष्य तक पहुँचता है| प्रबल इच्छा शक्ति, बेहद परिश्रम, अच्छा कर्म और ईमानदारी से सच्ची चाह वालोंको उनकी राह मिल जाती है |

जहाँ चाह वहाँ राह (२०० शब्द):

“जहाँ चाह है वहाँ राह” यह एक प्रेरणा देनेवाली, सकारात्मक कहावत है | मनुष्य की इच्छा शक्ति का महत्व प्रकट करने वाली इस कहावत से, एक नई, ऊर्जा मिलती है | जिस के कारन किसी भी व्यक्ति को हर परिस्थितियों का सामना करनेकी स्पूर्ति मिलती है | जो व्यक्ति परिश्रम से मुंह नहीं मोड़ता और कठिनाइयों का डटकर सामना करता है| उसी व्यक्ति को यह कहावत, शतप्रतिशत लागु होती है |

अगर मनुष्य में सचमें कुछ करनेकी चाह है, और उसे हर हालमें पूर्ण करना चाहता है | वह व्यक्ति आगे बढ़ कर उचित रहा खोजही लेता है | हमें हमारे लक्ष के प्रति दृढ़ रहना चाहिए | हमारी इच्छाशक्ति प्रबल हो, और कुछ करनेकी थानली हो, तो हम अपने ध्येय तक जरूर पहुंचते है |

अपनी चाह तक पहुंचने केलिए कोई ना कोई राह अवश्य ढूंढ लेते है | जीवन का यही सत्य है की मनुष्य को अपने ही परिश्रमसे, अपने जीवन का रास्ता बनाना होता है | इसलिए हमें अपने इरदोंका मजबूत होना बहुत आवश्यक है | जैसे मशाल पकड़कर, गहरे अंधेरे में रास्ता ढूंढते है, उसी प्रकार जब ह्रदय में कार्य करने की प्रबल चाह हो, और अपने लक्ष को हासिल करनेकी प्यास हो तो उसे उसकी मंजिल मिलही जाती है | चाहें जीतनी कठिनाईयाँ याये, उनसे लड़ते हुए लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है| प्रबल इच्छा शक्ति, अच्छा परिश्रम, नेक कर्म और ईमानदारी के समाने कठिनाईयाँ झुक जाती है| अंतमें सच्ची चाह वालोंको उनकी राह, निश्चित मिल जाती है |

Other Essays:

Essay on My School in English
मेरा विद्यालय पर निबंध
Essay on my favorite festival in Marathi – Ganapati
Essay on tree in Marathi
माझी शाळा निबंध मराठी
My Favourite Animal Essay In Marathi (Dog)
जर मी ढग असतो तर :

इतर लिंक्स :
➥ मराठी रंग :
➦ विशेषण व विशेषणाचे प्रकार
➥ सर्वनामाचे प्रकार
➦ Modal Auxiliary
➥ Types of Figure of speech

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *