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Verb Definition and Examples | क्रिया (Kriya)

Verb Definition and Examples : Verb Defination, Types, Example & Quiz | क्रिया :

क्रिया (Kriya in Hindi) : जिस शब्द अथवा शब्द-समूह से वाक्यमें कार्य के होनेका या करने का बोध होता है उसे क्रिया कहते हैं।
उदा. :
➥ नील पढ़ाई कर रहा है |
➦ गाय चारा खा रही है ।
➥ स्वरा किताब पढ़ती है।
➦ हमारी गाँव की टीम जीती ।

➤ उपरोक्त वाक्य में “कर”, “खा”, “पढ़ती” और “जीती” यह क्रिया है।

Verb Definition and Examples : आगे के लेख में हम क्रियाके बारेमें अधिक जानकारी और उनके प्रकारके बारेमें जानेंगे.

क्रिया के बारेमें अधिक जानकारी :
➦ क्रिया एक विकारी शब्द है |
➥ इस शब्दके रूपमें लिंग, वचन या कारक के कारण से परिवर्तन/ बदल होता है ।
➦ क्रिया से वाक्य का अर्थ पूरा होता है |
➥ शब्द-भेद में क्रिया शब्दका चौथा भेद है |
➦ क्रिया के रूप से ही हमें वाक्ये के काल का पता चलता है|
➥ वाक्य में क्रिया का महत्त्व इतना अधिक होता है, कि कर्ता अथवा अन्य योजकों के बिना केवल क्रिया की सहायतासे ही वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो जाता है; जैसे- रुको, जाओ, क़िताब लाओ आदि.

Verb Definition and Examples : आगे के लेख में हम क्रियाके बारेमें अधिक जानकारी और उनके प्रकारके बारेमें जानेंगे.

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क्रिया के प्रकार : (Verb Definition and Examples)

➽ क्रिया के प्रकार : क्रिया के मुख्य दो प्रकार है |
१) सकर्मक क्रिया
२) अकर्मक क्रिया

➽ क्रिया के इतर प्रकार :
३) सामान्य क्रिया
४) संयुक्त क्रिया
५) सहाय्यक क्रिया
६) व्दिकर्मक क्रिया
७) नामधातू क्रिया
८) प्रेरणार्थक क्रिया
९) पूर्वकालिक क्रिया
१०) अपूर्ण क्रिया


➦ क्रिया के भेद समज़ने से पहले हमें कर्ता, कर्म और क्रिया के बारेमें जानना अति आवश्यक है।

कर्ता – वाक्यमें कार्य करने वाले शब्द को “कर्ता” कहते हैं।
कर्म – कर्ता जो कार्य करता है, उसे “कर्म” कहते हैं।

अभी एक ही वाक्यमें से कर्ता, कर्म और क्रिया को कैसे पहचाने यह उदाहरणसे देखते हैं –
➦ वेदांती गाना गाती है|
(वेदांती – कर्ता ) ➪ “प्रश्न- कौन गाना गाती है? उत्तर- वेदांती
(गाना – कर्म) ➪ “प्रश्न- वेदांती क्या गाती है? उत्तर- गाना
(गाती – क्रिया) ➪ “प्रश्न- वेदांती गाना क्या करती है? उत्तर- गाती है

➤ आइए प्रत्येक प्रकार को विस्तार से देखें…

१] सकर्मक क्रिया :

जिस क्रिया को वाक्य के अर्थ को पूरा करने के लिए कर्म की आवश्यकता होती है उसे ‘सकर्मक क्रिया’ कहते हैं।.
उदा. :
➥ रूद्र लेख लिखता है।
➦ विजय मिठाई खाता है।
➥ वेदांती फल लाती है।
➦ भावी रस पीती है।

➤ उपरोक्त वाक्य में “लिखता”, “खाता”, “लाती” और “पीती” यह क्रिया है।

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२] अकर्मक क्रिया :

जिस क्रिया को वाक्य के अर्थ को पूरा करने के लिए कर्म की आवश्यकता नहीं होती है, उसे ‘अकर्मक क्रिया’कहते हैं।.
➪ इन क्रियाओं का फल सीधा कर्ता पर पड़ता है |

उदा. :
➥ भावी लिखती है।
➦ त्विषा बैठी है।
➥ स्वरा खेलती है ।
➦ रूद्र रोता है |

➤ उपरोक्त वाक्य में “लिखती”, “बैठी”, “खेलती” और “रोता” यह क्रिया है।

➤ अकर्मक क्रिया के और उदहारण : खेलना, बढ़ना, सोना, डरना, उगना, जीना, दौड़ना, बैठना, हँसना, चमकना, रोना, ठहरना, डोलना, जागना, घटना, उछलना, कूदना, बरसना आदि।

धातु :
क्रिया के प्रत्यय रहित मूल रूप को ‘धातु’ कहते है।
➪ इन्ही धातु को प्रत्यय लगाके नामधातु क्रिया बन जाती हैं।
➪ नामधातु क्रियासे वाक्येका अर्थ पूरा नहीं होता इसीलिए इसे सहाय्यक क्रिया की जरुरत होती है |
उदा. :
पढ़ + ना = पढ़ना
खा + ना = खाना
लिख + ना = लिखना
गा + ना = गाना

➽ क्रिया के अन्य भेद : (Verb Definition and Examples)

३] सामान्य क्रिया/ मुख्य क्रिया :

साधारण वाक्यमें जहाँ केवल एक ही क्रिया का प्रयोग होता है, उसे सामान्य क्रिया/ मुख्य क्रिया कहते हैं।

उदा. :
➥ भावी खिलौना लाई |
➦ ग्रीष्मा सोई |
➥ निल नहाया |

➤ उपरोक्त वाक्य में “लाई”, “सोई”, और “नहाया” यह क्रिया है।

४] संयुक्त क्रिया :

जहाँ दो या दो से अधिक क्रियाएँ आपस में मिलकर एक क्रिया बनाती हैं, उसे संयुक्त क्रिया कहते हैं।

1. आकाश आया
— इस वाक्ये में एक पद वाली क्रिया है।

2. आकाश आ चुका है।
— इस वाक्ये में दो पद वाली क्रिया है। (आ + चूका)

➪ संयुक्त क्रिया से किसी एक क्रिया ही बोध होना जरुरी है ।
(नामधातु + सहाय्यक क्रिया = संयुक्त क्रिया)

उदा. :
➥ आशीष पूना गया था । (गया – नामधातु क्रिया, था – सहाय्यक क्रिया)
➦ तन्मयी तैरने लगी । (तैरने – नामधातु क्रिया, लगी – सहाय्यक क्रिया)
➥ अमित खेलने लगा । (खेलने – नामधातु क्रिया, लगा – सहाय्यक क्रिया)
➦ हर्षाली रामायण पढ़ने लगी।

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५] सहाय्यक क्रिया :

जिस क्रिया से वाक्यका अर्थ पूरा ना होकर वह मुख्य क्रिया की सहायता करता है, उसे सहाय्यक क्रिया करते हैं |

उदा. :
➥ राजेश क्रिकेट खेल चूका है । (‘खेल’ मुख्य क्रिया ‘चूका’ सहाय्यक क्रिया)
➦ माता जी खाना बनाने लगी । (‘बनाने’ मुख्य क्रिया ‘लगी’ सहाय्यक क्रिया)
➥ बच्चे मैदान पर खेलने लगे । (‘खेलने’ मुख्य क्रिया ‘लगे’ सहाय्यक क्रिया)

६] व्दिकर्मक क्रिया :

जिन क्रियाओं के दो कर्म होते हैं, उसे व्दिकर्मक क्रियापद कहते हैं।
➤ वाक्यमें कर्तासे होनेवाली क्रिया एक साथ दो तत्वोंपर होती है |

उदा. :
➥ बाबा ने बच्चों को कहानी सुनाई |

(बाबा – कर्ता, बच्चों – वाक्य का अप्रत्यक्ष कर्म, कहानी – वाक्य का प्रत्यक्ष कर्म, सुनाई – व्दिकर्मक क्रिया)
➥ परीने भिखारी को पैसे दिए |
➥ गुरु छात्रों को गणित पढ़ाते हैं |

➤ उपरोक्त वाक्यमें “सुनाई”, “दिए” और “पढ़ाते हैं” यह क्रिया है।

➽ प्रत्यक्ष कर्म : ये हमेशा वस्तुवाचक होते है |
➽ अप्रत्यक्ष कर्म : ये हमेशा व्यक्तिवाचक होते है |

More types of : Verb Definition and Examples

७] नामधातु क्रिया :

जो क्रिया संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के अंत में प्रत्यय लगाकर बनती है, उसे नामधातु क्रिया कहते हैं।

उदा. : चिकनाना, झुठलाना आदि।
➥ हथ + इयाना = हथियाना
➦ शरम + आना = शरमाना
➥ अपना + आना = अपनाना
➦ लज + आना = लजाना

८] प्रेरणार्थक क्रिया :

जिस क्रिया में कर्ता अपना कार्य स्वयं न करके किसी और को कार्य करने की प्रेरणा देता है, उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं।

प्रेरक कर्ता – जो प्रेरणा देता है |
प्रेरित कर्ता – जो प्रेरणा लेता है |

उदा. :
➥ भावी स्वरासे से पत्र लिखवाती है।

— भावी – प्रेरक कर्ता, स्वरा – प्रेरित कर्ता, लिखवाती – प्रेरणार्थक क्रिया

➥ वेदांती नौकरानी से सफाई करवाती है।
➥ मयूर दोस्तोंसे काम करवाता है |

➤ उपरोक्त वाक्यमें “लिखवाती”, “करवाती”, और “करवाता” यह क्रिया है।

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९] पूर्वकालिक क्रिया :

जिस क्रिया का पूरा होना दूसरी क्रिया से पूर्व पाया जाता है, उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं।

➦ यह क्रिया के सामान्य रूप में प्रयुक्त होती है।
➥ मुख्य क्रिया से पहले होने वाली क्रिया को पूर्वकालिक क्रिया कहते है।
➦ पूर्व आने वाली क्रिया मूल धातु के अंत में ‘कर’, ‘ही’ या ‘करके’ लगाकर पूर्वकालिक क्रिया बनती है।

उदा. :
➥ हर्ष खाना खाकर खेलने गया।
➦ भावी दूध पीतेही सो गई |
➥ वेदांती के दोस्त पुस्तकें पढ़कर जायेंगे ।
➤ उपरोक्त वाक्यमें “खाकर”, “पीतेही “, और “पढ़कर” यह क्रिया है।

१०] अपूर्ण क्रिया :

जिस क्रिया के होनेसे भी वाक्य का अर्थ पुरा नही होता, उस क्रिया को अपूर्ण क्रिया कहते हैं।

➦ अपूर्ण क्रिया के अर्थ को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हें पूरक कहते हैं।

उदा. :
➥ वेदांती थी । यह अर्थ पूर्ण नही है |
— वेदांती छोटी थी । – यहाँ ‘छोटी’ शब्द के प्रयोगसे वाक्य पूर्ण होता है |
— इसीलिए ‘छोटी’ – पूरक शब्द, थी – अपूर्ण क्रिया है |

➥ निल है ।
— निल बुद्धिमान है ।
— इसीलिए ‘बुद्धिमान’ – पूरक शब्द, है – अपूर्ण क्रिया है |

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इतर लिंक्स :
➥ मराठी रंग :
➦ विशेषण व विशेषणाचे प्रकार
➥ सर्वनामाचे प्रकार

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